Psalms 110

1यहोवा ने मेरे ख़ुदावन्द से कहा, जब तक कि मैं तेरे दुश्मनों को तेरे पाँव की चौकी न कर दूँ।”

2ख़ुदावन्द तेरे ज़ोर का ‘असा सिय्यून से भेजेगा। तू अपने दुश्मनों में हुक्मरानी कर। 3 लश्करकशी के दिन तेरे लोग ख़ुशी से अपने आप को पेश करते हैं; तेरे जवान पाक आराइश में हैं, और सुबह के बत्न से शबनम की तरह।

4 ख़ुदावन्द ने क़सम खाई है और फिरेगा नहीं, “तू मलिक-ए-सिद्क के तौर पर हमेशा तक काहिन है।”

5ख़ुदावन्द तेरे दहने हाथ पर अपने कहर के दिन बादशाहों को छेद डालेगा। 6वह क़ौमों में ‘अदालत करेगा, वह लाशों के ढेर लगा देगा; और बहुत से मुल्कों में सिरों को कुचलेगा।

वह राह में नदी का पानी पिएगा; इसलिए वह सिर को बुलन्द करेगा

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